प्यार की आंच से तो पत्थर भी पिघल जाता हैं, सच्चे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता हैं, प्यार की राहों पर गर मिल जाये सच्चा हमसफ़र, तो कितना भी गिरा हुआ इंसान भी संभल जाता हैं
दिल उनके लिए ही मचलता है, ठोकर खाता है, और संभलता है, किसी ने इस कदर कर लिया दिल पर कब्जा, दिल मेरा है पर उनके लिए ही धड़कता है ।
तुम्हारी दुनिया में हम जैसे हजारों होंगे, लेकिन मेरी दुनिया में, तुम्हारे सिवा कोई नहीं है ।
नाम तेरा ऐसे लिख चुके हैं, अपने वजूद पर, कि तेरा नाम कहीं भी सुन लु तो, दिल धड़क जाता है ।
तुमसे अच्छा तो, हम चाँद से मोहब्बत कर लेते, लाख दूर सही, पर नजर तो आता हैं ।
तुम्हारे एक लम्हे पर भी हक नहीं मेरा, ना जाने तू किस हक से, मेरे हर लम्हे में शामिल है ।
मुझे पता है मेरी खुद्दारियां तुम्हें खो देगी, मै भी क्या करू, मुझे मांगने की आदत नहीं ।
माना कि तुम मेरे नहीं, पर मुलाकात कर लो, होठों से ना सही, आँखों से ही बात कर लो ।
सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूं, अभी तक इस सोच में हूँ, कि और क्या सोचूं?
यूँ शक ना किया करो मेरी मोहब्बत पे, तुम्हारे बिना भी हम तुम्हारे रहते हैं ।
पता नहीं ये प्यार है या मेरी नादानी, बस हल पल तुम्हे याद करना, मुझे अच्छा लगता है ।
शायराना सी हो जाती है फिजाएं खुद-ब-खुद, तेरे करीब होने का जब-जब एहसास होता है ।
खुद पूछो अपने दिल से कि, क्या वो मुझको भुलाना चाहता है? अगर वह हां कह दे तो, कसम से मोहब्बत छोड़ देंगे ।
हमें क्या मालूम था, इश्क होता क्या है? तुम मिले और, जिन्दगी मोहब्बत बन गयी ।
शिकायत तो खुद से है, तुमसे तो आज भी इश्क है ।
मोहब्बत हो कर भी हम, तुमसे छुपते फिरते हैं, तुम्हें अनदेखा कर फिर, छुप छुप कर देखा करते हैं ।
दिल की आवाज को इजहार कहते हैं, झुकी निगाह को इकरार कहते हैं, सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं, कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं ।
वह कहता है सोच लेना था, मोहब्बत करने से पहले, अब उसे कौन बताये? सोच कर तो साजिश की जाती है ।
वो नकाब लगा कर खुद को, इश्क से महफूज समझते रहे, नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क, चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है ।
नसीब वाले होते हैं वो लोग, जिनकी फिकर और प्यार करने वाला कोई होता है ।
अगर मेरे नाम से कभी, दिल धड़क उठे तुम्हारा, तो समझ लेना… प्यार झूठा नहीं था हमारा ।
मोहब्बत सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार गले लगा ले तो, फिर किसी का होने नहीं देती ।
कभी नजर ना लगे, तुम्हारी इस मुस्कान को, दुनिया की हर खुशी मिले, मेरी जान को ।
तुमसे लड़ते झगड़ते हैं, और नाराजगी भी रखते हैं, पर तुम्हारे बिना जीने का, ख्याल नहीं रखते ।
तुम खास थे, इसलिए लड़े तुमसे, पराये होते तो, मुस्कुरा कर जाने देते ।
तुम मेरी जिंदगी की वो कमी हो, जो मेरी जिंदगी में जिंदगी भर रहेगी ।
कुछ तो नशा होगा, तेरे इश्क में…ए दिलबर, सारी आदतें अपनी छोड़ के, तलब तेरी जो लगा बैठे हम ।
चुरा के नजर हमसे, आखिर कहाँ तक जाओगे? अगर तकदीर में होंगे तो, एक दिन मिल ही जाओगे ।
ना तुम हमसे मिलो, ना हम गुजारिश करेंगे, खुश रहो, जहाँ रहो… बस खुदा से यही सिफारिश करेंगे ।
हर पल आपको हंसाना, आपसे बातें करना, थोड़ा लड़ना और हद से ज्यादा प्यार करना, बस यही तो है, मेरी जिंदगी ।
ऐसा सहारा बनेंगे तुम्हारा कि, कभी टूट ना पाओगे, और इतना चाहेंगे तुम्हें कि, कभी रूठ ना पाओगे ।
सच्चे प्यार की यही पहचान है, लड़ते हैं, झगड़ते हैं, फिर भी… एक-दुसरे के बिना रह नहीं पाते ।
वो नाराज होता तो, उसे हर कीमत पर मना लेते, वो रिश्ता ही नहीं रखना चाहता तो, उसे मनाये कैसे?
अब देखो किसकी जान जाती है? मैंने उसकी और उसने मेरी, कसम खाई है ।
नकाब से ढका था उसका पूरा बदन, मगर आँखें बता रही थी कि वो मोहब्बत के शौकीन है ।
किसी ना किसी को, किसी पर ऐतबार हो जाता है, एक अजनबी सा चेहरा, बेशुमार यार हो जाता है, खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा, किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है ।
हजारों चेहरों में, एक तुम ही दिल को अच्छे लगे, वरना ना तो चाहत की कमी थी, और ना ही चाहने वालो की ।
शराब तो यूँ ही बदनाम है, हमने तो मोहब्बत के नशे में, लोगों को मरते हुए देखा है ।
मोहब्बत इतनी शिद्दत से करो कि, वह धोखा देकर भी सोचे कि, वापिस जाऊँ तो किस मुह से जाऊँ?
Life में एक बार प्यार तो करना ही चाहिए, सच्चा हो तो जिन्दगी बन जाती है और, झूठा हो तो Experience मिल जाता है ।
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म, ये वो जुल्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं ।
दिल में दर्द है आँखों में बेकरारी है, हमें लगी इश्क की अजीब बीमारी है ।
दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी, बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा ।
हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में, आईना देख कर अब रात कट जाती हैं ।
आता नही था हमें इकरार करना, ना जाने कैसे सीख गये प्यार करना, रुकते ना थे दो पल कभी किसी के लिए, ना जाने कैसे सीख गये इंतेज़ार करना ।
मत पूछ वजह की क्यू चाहती हूँ तुझे, क्योंकि सच्चा इश्क वजह से नहीं बेवजह होता है ।
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर, तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है तो सोच तुझसे कितनी होगी ।
तेरा रूठना भी इतना अच्छा लगता है, कि दिल करता है दिनभर तुझे छेड़ता ही रहूँ ।
हम ना अजनबी हैं ना पराए हैं, आप और हम एक रिश्ते के साए हैं, जब भी जी चाहे महसूस कर लीजिएगा, हम तो आपकी मुस्कुराहट में समाए हैं ।
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले, मेरी सुन लो अपनी सुनने से पहले, यह सोच लेना भूलने से पहले, बहुत रोई है यह आँखें मुस्कुराने से पहले ।
हर पल हर लम्हा हम होते बेक़रार है, तुझसे दूर होते है तो लगता है लाचार है, बस एक बार देखो आँखों में मेरी, मेरे इस दिल में तेरे लिए कितना प्यार है ।
मुझसे वादा करो मुझे रुलाओगे नहीँ, हालात जो भी हो मुझे भुलाओगे नहीं ।
जिसने भर दिया दामन को बेरंग फूलों से, उनके एक दर्द पर हम क्यों तड़पने लगते है ।
नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में, काश की हमने तुझे इतने गौर से न देखा होता ।
तुमसे ही रूठ कर, तुम्ही को याद करते हैं, हमे तो ठीक से, नाराज़ होना भी नहीं आता ।
और कितना प्यार करू मैं तुम्हे, की तुम्हे दिल में रख कर भी दिल नहीं भरता ।
उन हसीं पालो को याद कर रहे थे, आसमान से आपकी बात कर रहे थे, सुकून मिला जब हमे हवाओ ने बताया, आप भी हमें याद कर रहे थे ।
बहुत बुरे हो तुम, फिर भी तुमसे अच्छा कोई नहीं लगता ।
कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना, यूँ बात बढ़ा कर क्या करना, तुम मेरे थे… तुम मेरे हो, दुनिया को बता कर क्या करना। तुम साथ निभाओ चाहत से, कोई रस्म निभा कर क्या करना, तुम खफ़ा भी अच्छे लगते हो, फिर तुमको मना कर क्या करना ।
बदलना नहीं आता हमें मौसम की तरह, हर एक रूप मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ, ना तुम समझ सको कयामत तक, कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है ।
मेरी मोहब्बत की हद ना तय कर पाओगे तुम, तुम्हें सांसों से भी ज्यादा मोहब्बत करते हैं हम ।
तेरे सिवा किसी और की चाहत नहीं, तेरे सिवा किसी और से मोहब्बत नहीं ।
मैं चाहती हूँ तुम पे, सिर्फ मेरा हक़ हो ।
बस मुझे अपने बाहों में सुलालो, फिर चाहे कितना भी मुझे रुला लो ।
ये जिंदगी चाहे कितने पल की भी मिले, बस यही दुआ है बस तेरे संग मिले ।
खुशबू बनकर तेरी साँसों में शमा जायेंगे, सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जायेंगे, महसूस करने की कोशिश तो कीजिये एक बार, दूर रहते हुए भी पास नजर आएंगे ।
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे मगर, हमारी बेचैनियों की वजह… बस तुम हो ।
आप और आपकी हर बात मेरे लिए ख़ास है, यही शायद प्यार का पहला एहसास है ।
इन्कार जैसी लज्जत इक़रार में कहाँ, बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब उसकी नहीं-नहीं से ।
किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो, ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती ।
दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती, खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती ।
इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका, आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं ।
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो, अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो, आओ देखो मेरी नजरों में उतार कर खुद को, आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो ।
बहुत नायाब होते हैं जिन्हें हम अपना कहते हैं, चलो तुमको इज़ाजत है कि तुम अनमोल हो जाओ ।
जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है, किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है ।
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज, इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने ।
टपकती है निगाहों से बरसती है अदाओं से, मोहब्बत कौन कहता है कि पहचानी नहीं जाती ।
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके, काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये ।
मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों, कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती ।
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो, खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी ।
कोई रिश्ता जो न होता, तो वो खफा क्यों होता? ये बेरुखी, उसकी मोहब्बत का पता देती है ।
राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है ।
लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से, एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये ।
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे, बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत ।
कुछ ख़ास जानना है तो प्यार कर के देखो, अपनी आँखों में किसी को उतार कर के देखो, चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे, ये एहसास जानना है तो दिल हार कर के देखो ।
चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई, चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए, हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे, माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये ।
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो, ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है ।
वफ़ा कहती है इल्तेजा क्या करनी, वो मोहब्बत ही क्या जो मिन्नतों से मिले ।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह ।
कैसे कहें कुछ भी कहा नहीं जाता, दर्द मिलता है पर सहा नहीं जाता, हो गया है इश्क आपसे बे-इन्तिहाँ, कि अब तो बिन देखे आपको जिया नहीं जाता ।
मैं तेरे प्यार में इतना ग़ुम होने लगा हूँ सनम, जहाँ भी जाऊं बस तुम्हें ही सामने पाने लगा हूँ, हालात यह हैं कि हर चेहरे में तू ही तू दिखता है, ऐ मेरे खुदा अब तो मैं खुद को भी भुलने लगा हूँ ।
मेरे दिल के किसी कोने में अब कोई जगह नहीं, कि तस्वीर-ए-यार हमने हर तरफ लगा रखी है ।
मोहब्बत भी शराब के नशा जैसी है दोस्तों, करें तो मर जाएँ और छोड़े तो किधर जाएँ ।
लोग कहते हैं उसको खुदा की इबादत है, ये मेरी समझ में तो एक जहालत है, रात जाग के गुजरे, दिल को चैन न आए, जरा बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है ।
आ के मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा होगा, बन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओ तो अच्छा होगा, किसी रात तेरी गोद में सिर रख के सो जाऊं, फिर उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा होगा ।
भूल जाता हूँ मैं सबकुछ आपके सिवा, यह क्या मुझे हुआ है, क्या इसी एहसास को दुनिया ने इश्क़ का नाम दिया है ।
क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद, किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद, क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग, मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद ।
ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल को छू जाए, ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए, तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी, ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए ।
हम तो तेरी आवाज़ से प्यार करते हैं, तस्सवुर में तेरे तन्हाइयों से प्यार करते हैं, जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले, उन चर्चों से अब हम प्यार करते हैं ।
मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं, तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं ।
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